निर्देशक: सिमरप्रीत सिंह
मुख्य कलाकार:
वरुण शर्मा – राजेश खन्ना
जस्सी गिल – गौरव जैन
सनी सिंह – मयंक अरोड़ा
मनजोत सिंह – हनी सिंह
पत्रलेखा पॉल – राधा
प्रथम प्रदर्शन: नेटफ्लिक्स
कहानी: एक कॉमेडी फिल्म जो चार दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है। दिल टूटे राजेश खन्ना (वरुण शर्मा) अपने दोस्तों की सलाह पर अपनी पूर्व प्रेमिका की शादी में जाकर उसे यह बताने की कोशिश करता है कि “मैं तुम्हारे बिना भी खुश हूं!”। इस यात्रा में उसके दोस्त मयंक अरोड़ा (सनी सिंह), गौरव जैन (जस्सी गिल), और हनी (मनजोत सिंह) उसके साथ हो जाते हैं।
जैसे-जैसे यह गैंग अपनी यात्रा आगे बढ़ाता है, उनकी मुलाकात अनियोजित रास्तों पर नए-नए पात्रों से होती है, अलग अलग समस्याओं के साथ।
कहानी में ड्रग समस्या, दहेज, अनचाही शादी और हिंसा जैसे मुद्दों को भी छुआ गया है। यह सब एक जंगली यात्रा के नाम पर होता है, लेकिन क्या यह वास्तव में जंगली है?
समीक्षा: फिल्म “उड़ता पंजाब” से लेकर “फुकरे” और “हैंगओवर” जैसी फिल्मों का मिश्रण लगती है और अधिकांश दृश्य परिचित प्रतीत होते हैं।
पहली बार निर्देशक बने सिमरप्रीत सिंह ने पूरी कोशिश की है, लेकिन दुर्भाग्यवश पंचलाइनें ठीक से हिट नहीं करती हैं। सामाजिक मुद्दों को छूने का प्रयास है, लेकिन वह भी बस हल्के से छूता है। फिल्म का शोर-शराबा थोड़ा कम होना चाहिए था।
वरुण शर्मा ने एक अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन वह खुद को और अपने सबसे लोकप्रिय किरदार चूचा (फुकरे) का विस्तार ही लगता है। उनके पास कॉमिक टाइमिंग है, लेकिन सबसे अच्छे कॉमेडियन भी एक ही मजाक को बार-बार नहीं चला सकते।
फिल्म फूहड़ मज़ाक से भरी बेहद शोरगुल वाली है, जैसे कई अन्य पंजाबी फिल्में, दर्शकों को ज़बरदस्ती चिल चिल्ला कर हंसाने की कोशिश, दर्शकों को चिड़चिड़ा कर देती है ।
सुझाव: यह फिल्म अपने रिस्क पर देखें।