स्पेन में दशकों की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा, विनाशकारी बाढ़ से 200 से अधिक लोगों की मौत

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मैड्रिड [स्पेन], 2 नवंबर 2024: स्पेन दशकों की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है, जिसमें विनाशकारी बाढ़ से 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक तबाही का शिकार वेलेंसिया हुआ है, जहां 202 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि बचाव कार्य जारी है।

शुक्रवार को प्रशासन ने चेतावनी जारी की कि कुछ क्षेत्रों में सड़कों का ढहना हुआ है, जिससे आपातकालीन सेवाओं को भी वहां पहुंचने में कठिनाई हो रही है। वेलेंसिया क्षेत्र में भारी नुकसान के दृश्य सामने आ रहे हैं, जहां निवासियों ने तेजी से बढ़ते पानी के कारण भयावह अनुभव साझा किए हैं। वेलेंसिया शहर में एक अदालत को अस्थायी शवगृह में बदल दिया गया है।

ला टोरे क्षेत्र में, जहां पानी का स्तर छाती तक पहुंच गया था, स्वयंसेवक लापता लोगों की खोज में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय प्रसारक RTVE के अनुसार, पुलिस ने गुरुवार को वहां एक भूमिगत पार्किंग गैरेज में सात शव बरामद किए।

शुक्रवार को देश के कुछ हिस्सों में अब भी भारी वर्षा हो रही थी। रात भर में अंडालूसिया के हुलेवा तट पर रेड अलर्ट जारी किया गया, जहां 12 घंटों में 140 मिमी बारिश हुई। वेलेंसिया के कुछ इलाकों में अभी भी ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी हैं।

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने संकट समिति की बैठक बुलाई। सोशल मीडिया पर स्पेन सरकार ने लिखा, “प्रधानमंत्री @sanchezcastejon ने DANA के प्रभावों की निगरानी के लिए संकट समिति की अध्यक्षता की। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सभी संसाधनों का आवंटन जारी रखेगी।”

विनाशकारी बाढ़ के बीच, स्पेन के रक्षा मंत्रालय ने वेलेंसिया में मानवीय सहायता सामग्री ले जाने के लिए दो हेलीकॉप्टर भेजे हैं। रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा, “कोलमेनार विएजो, मैड्रिड से दो CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टर #FAMET @EjercitoTierra वेलेंसिया के लिए रवाना हुए हैं, जिनमें पीड़ितों के लिए कारितास कोलमेनार द्वारा दान किए गए पानी, खाद्य राशन और कपड़े हैं।”

गौरतलब है कि इस भारी वर्षा का कारण स्पेनिश मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, एक “गोता फ्रिया” या ठंडा हवा का झोंका (DANA) हो सकता है, जो आमतौर पर शरद ऋतु में होता है। यह वायुमंडल में ठंडी हवा का एक हिस्सा होता है, जो जेट स्ट्रीम से अलग हो जाता है और अत्यधिक वर्षा का कारण बनता है।

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