पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारतीय भाला फेंक के दिग्गज नीरज चोपड़ा ने अपने गोल्ड मेडल को बरकरार रखने की कोशिश की, लेकिन 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। यह नीरज का दूसरा ओलंपिक पदक है, और इस उपलब्धि के साथ वे स्वतंत्रता के बाद ऐसे दूसरे भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत इवेंट में दो ओलंपिक पदक जीते हैं।
नीरज का प्रदर्शन और चुनौतियाँ
नीरज चोपड़ा के लिए पेरिस ओलंपिक्स में शुरुआत अच्छी रही। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 89.45 मीटर का थ्रो किया, जो उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो साबित हुआ। लेकिन इसके बाद चार लगातार प्रयासों में उन्होंने फाउल थ्रो किए, जो उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीदों पर पानी फेर गए। नीरज का पहला और तीसरा थ्रो रेड फ्लैग के साथ अमान्य करार दिया गया, और उनका चौथा, पाँचवाँ और छठा प्रयास भी इसी तरह फाउल रहा।
नीरज के लिए यह प्रतियोगिता कठिन साबित हुई, खासकर उनके आखिरी तीन थ्रो में जहां उन्होंने खुद को अत्यधिक दबाव में पाया। उन्होंने कई बार लाइन पार की, जिससे उनके थ्रो अमान्य हो गए। प्रतियोगिता के दौरान, नीरज का आत्मविश्वास कुछ कमजोर दिखा, खासकर तब जब उनके थ्रो लगातार फाउल हो रहे थे। इससे पहले, क्वालीफिकेशन राउंड में नीरज ने 89.34 मीटर का थ्रो किया था, जो उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो था, लेकिन फाइनल में वे अपने इस प्रदर्शन को भी नहीं दोहरा सके।
पाकिस्तान के अर्शद नदीम ने रचा इतिहास
पाकिस्तान के अर्शद नदीम ने पेरिस ओलंपिक्स में 92.97 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता और एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने डेनमार्क के एंड्रियास थॉर्किल्डसेन द्वारा बीजिंग 2008 में बनाए गए पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। नदीम के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया, खासकर उनके अंतिम थ्रो में जब उन्होंने 91.79 मीटर का थ्रो किया। यह उनके पूरे मुकाबले का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे निकल गए।
नदीम का यह प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे पहले एशियाई खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले, नदीम और नीरज के बीच एक कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है, जिसमें नीरज ने पिछले मुकाबलों में 9-0 की बढ़त बनाई थी, लेकिन इस बार नदीम ने बाजी मार ली।
अन्य प्रदर्शन
ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने 88.54 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। पीटर्स ने भी इस प्रतियोगिता में काफी शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन वे नीरज और नदीम के प्रदर्शन को पार नहीं कर सके।
नीरज का ओलंपिक सफर
नीरज चोपड़ा का ओलंपिक सफर 2016 के रियो ओलंपिक्स से शुरू हुआ था, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया था। इसके बाद 2020 के टोक्यो ओलंपिक्स में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता था। इस बार पेरिस ओलंपिक्स में नीरज ने सिल्वर मेडल जीता, जो उनके करियर का दूसरा ओलंपिक पदक है।
भविष्य की उम्मीदें
नीरज चोपड़ा का करियर अभी भी शिखर पर है, और उन्हें आगामी प्रतियोगिताओं में गोल्ड जीतने की पूरी उम्मीद है। पेरिस ओलंपिक्स में उनके प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि वे अभी भी दुनिया के सबसे बेहतरीन भाला फेंक खिलाड़ियों में से एक हैं। नीरज का कहना है कि वे अपने फाउल थ्रो से सीख लेकर आगे की प्रतियोगिताओं में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
समाप्ति
नीरज चोपड़ा का पेरिस ओलंपिक्स 2024 का सफर भले ही गोल्ड मेडल के साथ समाप्त नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने भारत को एक और ओलंपिक पदक दिलाकर देश का गौरव बढ़ाया है। उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प है, जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। नीरज की यह जीत भारतीय खेल जगत के लिए एक प्रेरणा है और भविष्य में उनसे और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।