मुंबई: अनुभवी अभिनेत्री सायरा बानो आज अपना जन्मदिन मन रही हैं, उन्होंने पुरानी तस्वीरों की एक श्रृंखला जारी करके प्रशंसकों और शुभचिंतकों को अपने पुराने दिनों की याद दिलाई।
अनुभवी अभिनेता ने शुक्रवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर उन तस्वीरों का एक संग्रह पोस्ट किया, जिनमें उनके जीवन के विभिन्न चरणों को कैद किया गया है।
पहली तस्वीर बचपन की एक मनमोहक तस्वीर थी, जिसमें अभिनेत्री को एक युवा लड़की के रूप में दिखाया गया था। अगली तस्वीर ने प्रशंसकों को उनके अभिनय के दिनों की याद दिला दी, जिसमें उनकी सुंदरता और प्रतिभा उजागर हुई। एक तस्वीर विशेष रूप से मार्मिक थी, जिसमें सायरा अपने दिवंगत पति, महान अभिनेता दिलीप कुमार के साथ अपना जन्मदिन मना रही थीं।
पोस्ट के साथ, सायरा ने एक लंबा कैप्शन लिखा था, “मुझे अब तक मिला सबसे कीमती उपहार? दिलीप कुमार की ओर से हार्दिक बधाई जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी! मेरे घर पर एक जादुई शाम को वह आए मेरा हाथ थामा और कहा, “तुम बड़ी होकर एक खूबसूरत लड़की बन गई हो।” समय रुक गया। मुझे नहीं पता था, यह हमारी खूबसूरत प्रेम कहानी की शुरुआत थी।
अपने बचपन के जन्मदिनों को याद करते हुए सायरा ने लिखा, “बड़े होकर, जन्मदिन हमेशा विशेष होते थे, मेरी दादी शमशाद वहीद खान, मेरी प्यारी माँ नसीम बानूजी के प्यार और समर्थन और मेरे बड़े भाई के मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद।” उनके आशीर्वाद और मूल्यों ने मुझे वह व्यक्ति बनाया है जो मैं आज हूं, और इसके लिये मैं हमेशा आभारी हूं।”
उन्होंने 23 अगस्त 1966 को अपने जन्मदिन को याद किया, जिस दिन उनके घर का गृहप्रवेश भी था।
उन्होंने आगे लिखा, “23 अगस्त, 1966 को हमने अपना जन्मदिन मनाया और अपने नए घर का गृहप्रवेश मनाया, जिसे सोच-समझकर दिलीप साहब के घर के पास चुना और बनाया गया था। कई विकल्पों में से हमने उनके करीब होने के लिए इस स्थान को चुना, जिससे अनजाने में हमारे लिए एक साथ भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो गया।”
वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म पड़ोसन सायरा बानु के सिने करियर की सुपरहिट पिल्मों में शुमार की जाती है। हास्य से परिपूर्ण महमूद निर्मित इस फिल्म में सायरा बानु ने एक युवा लड़की बिंदु की भूमिका निभाई जिसे संगीत से विशेष रूचि है और उसे सुनील दत्त और महमूद दोनों ही प्यार करने लगते है। इस फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत .मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।
वर्ष 1970 में सायरा बानु को मनोज कुमार के निर्माण और निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म पूरब और पश्चिम में काम करने का अवसर मिला। फिल्म में सायरा बानु ने विदेश में पली बढ़ी एक ऐसी युवती की भूमिका निभाई जो अपने देश की संस्कृति से अनभिज्ञ रहती है। फिल्म में उनका यह किरदार कुछ हद तक ग्रे शेडस लिये हुये था बावजूद इसके वह दर्शको का दिल जीतने में सफल रही। वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म गोपी में सायरा बानु को अपने सिने करियर में पहली बार अभिनेता दिलीप कुमार के साथ काम करने का अवसर मिला। इसके बाद दिलीप और सायरा बानु की जोड़ी ने सगीना ,बैराग और दुनिया जैसी फिल्मों में एक साथ काम करके दर्शको का मनोरंजन किया।
वर्ष 1975 में सायरा बानु को रिषिकेष मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म चैताली में काम करने का अवसर मिला। फिल्म में उन्होंने चैताली की टाइटिल भूमिका निभाई। हालांकि यह फिल्म टिकट खिड़की पर विफल रही लेकिन समीक्षकों का मानना है कि यह सायरा बानु के सिने करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में एक है।वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म हेराफेरी सायरा बानु के सिने करियर की अंतिम हिट फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अमिताभ बच्चन ने निभाई थी। वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म .फैसला. के बाद सायरा बानु ने फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास ले लिया।
उनकी अभिनीत उल्लेखनीय फिल्मों में कुछ है दूर की आवाज,आओ प्यार करे, झुक गया आसमान, आदमी और इंसान, विकटोरिया नंबर 203, पैसे की गुड़िया, इंटरनेशनल क्रुक, रेशमी की डोरी, आखिरी दांव, साजिश, जमीर, नहले पे दहला, काला आदमी, देशद्रोही, बलिदान आदि।