मुंबई: करण जौहर ने काजोल के 50वें जन्मदिन को और भी ख़ास बनाने के लिये एक अनोखा पोस्ट साझा किया।
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ और ‘कभी खुशी कभी गम’ जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए मशहूर काजोल आज अपना जन्मदिन मना रही हैं।
करण जौहर, जिन्होंने काजोल को उनकी पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ और उसके बाद ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘माई नेम इज खान’ जैसी हिट फिल्मों में निर्देशित किया है
करण ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से अभिनेत्री के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया।
जौहर का संदेश काजोल के व्यक्तित्व और उनकी लंबे समय से चली आ रही दोस्ती के प्रति गहरी प्रशंसा दर्शाता है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, ”वह1000 वॉट की मुस्कुराहट और वह प्यारी सी हंसी… प्यार के 5000 रंगों को महसूस किए बिना आप काजोल की ऊर्जा का वर्णन कैसे कर सकते हैं… पहली बार जब वह मुझसे मिली (मैंने जो पहना था उस पर जोर से हंसी) और आज तकवह बिलकुल वैसी ही हैं… एक ऐसा व्यक्ति जो ज़रा भी नहीं बदला है और कभी नहीं बदलेगा! लव यू काजोल… यह दशक स्वर्णिम हो!”
काजोल ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘बेखुदी’ से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका कमल सदाना ने निभायी लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी।
वर्ष 1993 में काजोल को अब्बास-मुस्तान की फिल्म ‘बाजीगर’ में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका शाहरूख खान ने निभायी थी। यूं तो पूरी फिल्म शाहरूख खान पर केन्द्रित करके बनायी गयी है लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको का दिल जीत लिया।वर्ष 1994 काजोल के सिने कैरियर में अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी उधार की जिंदगी, ये दिल्लगी और करण अर्जुन जैसी फिल्म प्रदर्शित हुयी।उधार की जिंदगी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी लेकिन काजोल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शको का दिल जीत लियावही बांबे फिल्म जर्नलिस्ट ऐशोसियेशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
वर्ष 1994 में ही काजोल को यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म ये दिल्लगी में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका अक्षय कुमार और सैफ अली खान ने निभायी। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। वर्ष 1995 में काजोल को यश चोपड़ा की ही फिल्म ..दिलवाले दुल्हनियां ले जायेगे.. में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी। काजोल और शाहरूख खान के बेहतरीन अभिनय से सजी यह फिल्म सुपरहिट साबित हुयी।
वर्ष 1997 में काजोल को निर्माता निर्देशक राजीव राय की फिल्म ‘गुप्त’ में काम करने का अवसर मिला। वह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुयी।फिल्म गुप्त ..में काजोल का किरदार ग्रे शेडस लिये हुये था। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास का पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया था ।वर्ष 1998 में काजोल के सिने करियर की एक और अहम फिल्म ‘दुश्मन’ प्रदर्शित हुयी।इस फिल्म में काजोल ने अपने सिने करियर में पहली बार दोहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी।
इस बीच, काम के मोर्चे पर काजोल एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘महाराग्नि – क्वीन ऑफ क्वींस’ में नजर आएंगी। 27 साल बाद, काजोल और प्रभुदेवा तेलुगु निर्देशक चरण तेज उप्पलपति के निर्देशन में दोबारा साथ नज़र आने वाले हैं।
उप्पलपति द्वारा निर्देशित और लिखित और बावेजा स्टूडियोज और ई7 एंटरटेनमेंट्स के लेबल के तहत हरमन बावेजा और वेंकट अनीश डोरिगिल्लू द्वारा निर्मित, ‘महाराग्नि – क्वीन ऑफ क्वींस’ एक अखिल भारतीय फिल्म है जो हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज होने वाली है।
काजोल और प्रभुदेवा के अलावा, कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह, संयुक्ता मेनन, जिशु सेनगुप्ता और आदित्य सील शामिल हैं।
काजोल ‘दो पत्ती’ में भी नजर आएंगी, जो ‘दिलवाले’ के बाद कृति सैनन के साथ उनका दूसरी फिल्म होगी।