धनतेरस, जिसे दिवाली के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन को विशेष रूप से धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए जाना जाता है। हालांकि, इस त्योहार से जुड़े कई मिथक भी प्रचलित हैं, जो कई बार वास्तविकता से परे होते हैं। आइए जानते हैं धनतेरस से जुड़े कुछ प्रमुख मिथकों और उनके पीछे की सच्चाई को।
मिथक 1: धनतेरस पर सोना खरीदना अनिवार्य है
सच्चाई:
धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। इस दिन कोई भी धातु जैसे चांदी, पीतल या स्टील के बर्तन खरीदना भी समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। असल में, किसी भी शुभ वस्तु की खरीदारी इस दिन की परंपरा का हिस्सा है और इसे संपत्ति की बढ़ोतरी के संकेत के रूप में देखा जाता है।
मिथक 2: इस दिन सिर्फ धातु खरीदनी चाहिए
सच्चाई:
धनतेरस पर धातु की खरीद को शुभ माना गया है, लेकिन यह सिर्फ धातु तक सीमित नहीं है। आप इस दिन घर, वाहन, या इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे चीजें भी खरीद सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर की गई हर खरीदारी से घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।
मिथक 3: सिर्फ भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है
सच्चाई:
हालांकि धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा होती है। भगवान धन्वंतरि चिकित्सा और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं, और उनकी पूजा से स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, मां लक्ष्मी की पूजा धन-समृद्धि के लिए की जाती है, जबकि भगवान कुबेर धन और भंडार के रक्षक माने जाते हैं।
मिथक 4: सिर्फ एक ही दिन धनतेरस मनाना चाहिए
सच्चाई:
कुछ स्थानों पर धनतेरस के अगले दिन भी पूजा करने का रिवाज है, जिसे छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी कहा जाता है। हालांकि मुख्य पूजा धनतेरस के दिन ही होती है, लेकिन इसके बाद के दिनों में भी दीप जलाने, साफ-सफाई करने और लक्ष्मी पूजन की तैयारियां की जाती हैं, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
मिथक 5: धनतेरस पर घर की सफाई नहीं करनी चाहिए
सच्चाई:
इस मिथक का कोई धार्मिक आधार नहीं है। असल में, दिवाली से पहले पूरे घर की साफ-सफाई करना और सजावट करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि स्वच्छ और सुंदर घर में ही मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए, धनतेरस के दिन या इससे पहले साफ-सफाई करना और दीप जलाना शुभ होता है।
मिथक 6: इस दिन बीमार व्यक्ति को घर में नहीं लाना चाहिए
सच्चाई:
धनतेरस स्वास्थ्य और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है, और यह मिथक अनुचित है। असल में, धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा मुख्य रूप से स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए की जाती है। बीमार व्यक्ति को इस दिन आशीर्वाद प्राप्त करने से वंचित करना अनुचित है। धनतेरस का संदेश स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना से जुड़ा हुआ है।
धनतेरस एक पावन पर्व है जो हमें स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मकता की ओर प्रेरित करता है। हालांकि इससे जुड़े कई मिथक हैं, लेकिन सही जानकारी के साथ हम परंपरा का सही अर्थ समझ सकते हैं और हकीकत में इसका पालन कर सकते हैं। धनतेरस को सही तरीके से मनाकर हम अपनी जिंदगी में सुख, समृद्धि और खुशी ला सकते हैं।