नई दिल्ली, 2 नवंबर 2024: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के 59वें जन्मदिन पर उनके असाधारण सफर को याद किए बिना कोई नहीं रह सकता। एक अभिनेता से आगे बढ़कर एक भावना बनने का उनका यह सफर लाखों दिलों पर राज कर रहा है। “किंग ऑफ बॉलीवुड” के नाम से मशहूर शाहरुख का जीवन एक अद्भुत कहानी है जो उनके टैलेंट, मेहनत और अदम्य जज़्बे को दर्शाती है।
दिल्ली में जन्मे शाहरुख ने अपनी पहचान बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया से बहुत दूर बनाई। उन्होंने पहली बार 1989 में टीवी सीरियल ‘फौजी’ में एक युवा सैनिक अभिमन्यु राय की भूमिका निभाते हुए दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद उन्होंने ‘सर्कस’ और कुछ अन्य टीवी शोज़ में काम किया, जो उन्हें फिल्म उद्योग की ओर ले गए।
1992 में फिल्म ‘दीवाना’ से शाहरुख ने बड़े पर्दे पर कदम रखा और तुरंत ही दर्शकों के चहेते बन गए। रोमांटिक हीरो के रूप में उनकी एनर्जी ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। परन्तु, उन्होंने ‘डर’ (1993), ‘बाज़ीगर’ (1993) और ‘अंजाम’ (1994) जैसी फिल्मों में खलनायक और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने का साहस दिखाया, जिसने उन्हें दूसरों से अलग बना दिया।
शाहरुख का करियर ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (1995) के साथ आसमान छू गया। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे युवा राज की भूमिका निभाई जिसने बॉलीवुड में “किंग ऑफ रोमांस” के रूप में उनकी पहचान पक्की कर दी। काजोल और रानी मुखर्जी जैसी अभिनेत्रियों के साथ उनकी जोड़ी ने कई आइकॉनिक फिल्में दीं, जैसे ‘दिल तो पागल है’, ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘कभी खुशी कभी ग़म’।
हालांकि, रोमांस के पर्याय बन चुके शाहरुख ने खुद को केवल इस एक शैली तक सीमित नहीं रखा। ‘स्वदेस’ में एक NASA वैज्ञानिक की भूमिका निभाई और ‘चक दे! इंडिया’ में एक हताश हॉकी कोच की भूमिका में अपनी क्षमता को साबित किया। इन फिल्मों ने शाहरुख की विविधता और एक अभिनेता के रूप में उनके विकास को दिखाया।
अभिनय से परे शाहरुख ने रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट नामक प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत की, जिसने ‘मैं हूँ ना’ और ‘ओम शांति ओम’ जैसी हिट फिल्में दीं। इसके साथ ही उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स की सह-मालिक बनकर इंडियन प्रीमियर लीग में भी अपनी पहचान बनाई।
जैसे-जैसे उनका करियर आगे बढ़ा, शाहरुख की लोकप्रियता भारत की सीमाओं से बाहर तक फैल गई। उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कई पुरस्कार मिले, जैसे फ्रांस के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। दुनिया भर में उनके फैन क्लब्स हैं, और आज वे दुनिया के सबसे अमीर अभिनेताओं में से एक हैं।
हर सुपरस्टार को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और शाहरुख भी इससे अछूते नहीं रहे। ‘फैन’ और ‘ज़ीरो’ जैसी फिल्मों के बाद आलोचकों ने उनकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाया, लेकिन उन्होंने ‘पठान’ जैसी फिल्म के साथ ज़बरदस्त वापसी की, जो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ रही थी।
2023 में ‘जवान’ के साथ शाहरुख ने अपनी विरासत को और मज़बूत किया, जो एक थ्रिलर फिल्म थी और दर्शकों को उनके पहले कभी न देखे गए अंदाज़ में पेश किया। ‘डंकी’ में भी शाहरुख ने शानदार अभिनय किया, जो राजकुमार हिरानी की कॉमेडी-ड्रामा फिल्म थी।
‘फौजी’ से लेकर ‘जवान’ तक, शाहरुख खान का सफर जुनून, कड़ी मेहनत और दृढ़ता की मिसाल है। उन्होंने न केवल बॉलीवुड स्टारडम की परिभाषा बदली बल्कि भारतीय सिनेमा को विश्व मंच पर लोकप्रिय बनाया। उनके जीवन की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो यह मानता है कि समर्पण और विश्वास के साथ सब कुछ संभव है।
जैसे शाहरुख खान 59 साल के हो गए हैं, एक बात तो साफ है कि “बॉलीवुड के बादशाह” का सिंहासन अभी भी उनके पास ही है।