छठ पूजा का महापर्व आज से शुरू: घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

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नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024: आज से छठ पूजा का महापर्व पूरे देश में शुरू हो गया है। यह चार दिवसीय पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है। सुबह से ही श्रद्धालु पवित्र नदियों, तालाबों और घाटों पर पहुंचने लगे हैं। सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के लिए समर्पित यह पर्व लाखों भक्तों के लिए आस्था, समर्पण और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।

[आज का पहला दिन: ‘नहाय-खाय’]
छठ पूजा का पहला दिन ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं। यह दिन आत्मशुद्धि का प्रतीक है, जिससे भक्त अपने मन और शरीर को पूजा के लिए तैयार करते हैं। परंपरानुसार, व्रती (व्रत रखने वाले श्रद्धालु) कद्दू-भात और चने की दाल का प्रसाद ग्रहण करते हैं।

[पूरे देश में विशेष तैयारियाँ]
छठ पूजा के लिए घाटों पर विशेष तैयारियाँ की गई हैं। प्रशासन द्वारा सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। गंगा, यमुना और अन्य नदियों के घाटों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और पंडालों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा गया है। इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं, जिससे लोग सुचारू रूप से पूजा कर सकें।

[पूजा की विधि और आस्था]
छठ पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया की उपासना करना है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्यास्त व सूर्योदय के समय अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस पर्व का समापन चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। मान्यता है कि यह पूजा संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती है और इससे भक्तों के जीवन में सुख-शांति आती है।

[छठ पूजा का महत्व और संदेश]
छठ पूजा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और आभार का प्रतीक भी है। इस पर्व से जुड़ी मान्यता है कि इससे परिवार की खुशहाली, संतान सुख और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है। भारतीय संस्कृति में छठ पूजा का स्थान अनूठा है, जो संयम, समर्पण और आस्था को महत्व देता है।

देशभर में श्रद्धालु इस पर्व का पालन पूरी आस्था के साथ कर रहे हैं, जिससे घाटों पर एक पवित्र और भक्तिमय माहौल बन गया है। छठ पूजा का यह महापर्व हमें प्रकृति के महत्व और सामूहिकता का संदेश देता है।

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